जब लड़के-लड़कियां साथ खड़े होते थे, तो सब हंसी मजाक करते थे। मैं शुरू-शुरू में थोड़ा झिझकती थी लड़कों से बात करने के लिए, लेकिन धीरे-धीरे मैं भी खुलने लगी।
फिर एक दिन मुझे मेरी सहेली अपने साथ किसी की शादी में ले गई। जिसकी शादी थी, वो उसकी सहेली थी। उस दिन हम दोनों ने सलवार कमीज पहना हुआ था। तभी वहां एक लड़का आया जिससे मेरी सहेली ने पहले बातें की, और फिर मुझे ये बोल कर उसके साथ चली गई कि वो थोड़ी देर में आ जाएगी।
मैंने देखा कि वो दोनों बाथरूम की तरफ जा रहे थे। फिर वो दोनों लड़कियों के बाथरूम में घुस गए। मुझे समझ नहीं आया कि उन दोनों को बाथरूम में क्या काम था, और वो लड़का लड़कियों के बाथरूम में कैसे जा सकता था? मुझसे रुका नहीं गया, तो मैं भी उनके पीछे चली गई, और धीरे से बाथरूम के अंदर चली गई।
अंदर जा कर मैंने देखा, कि वो दोनों एक केबिन में घुसे हुए थे। जब मैं केबिन के पास गई, तो मुझे अंदर से आवाजें आ रही था। मैंने नीचे से देखा, तो अंदर वो लड़का मेरी सहेली की चुदाई कर रहा था। उसकी चूत में उस लड़के का मोटा लंड अंदर-बाहर होते देख मुझे कुछ-कुछ होने लगा। मेरी सांस चढ़ने लगी, और मैं जल्दी से वहां से बाहर आ गई।
बाहर आ कर भी मेरे मन में उन्हीं के खयाल आए जा रहे थे। फिर कुछ देर बाद वो आई। उसने ऐसा दिखाया जैसे कुछ हुआ ही ना हो। फिर हम शादी से वापस आ गए। उस दिन मैंने पहली बार फिंगरिंग की। मुझे बहुत मजा आया।
फिर मैं रोज़ फिंगरिंग करने लगी, और मुझे चुदाई की तलब लगने लगी। मैंने फैसला किया कि मैं भी अब एक बॉयफ्रेंड बनाऊंगी। दोस्तों लड़कियों को लड़कों की कमी नहीं होती। जल्दी ही मैंने उस्मान नाम का एक बॉयफ्रेंड बनाया। हमारी बातें होने लगी, और फिर वीडियो कॉल पर सेक्स होने लगा। अब हम चुदाई के लिए मिलना चाहते थे। जितनी जल्दी मैं चुदाई के लिए मानी थी, उस्मान भी समझ गया था कि मुझे कितनी तलब थी चुदाई की।
फिर एक दिन हमने कॉलेज से बंक मारा, और वो मुझे किसी दोस्त के फ्लैट में ले गया। वो एक ही कमरा था, और साथ में रसोई था। उसका दोस्त भी वहीं था। मैंने सलवार कमीज ही पहना हुआ था। हमने बिस्तर पर बैठ कर थोड़ी बातें की, और फिर उस्मान मुझे किस्स करने लगा। तभी मैंने उससे धीरे से पूछा-
मैं: ये तुम्हारा दोस्त यहीं रहेगा क्या?
उस्मान: बेबी बड़ी मुश्किल से रूम का जुगाड़ हुआ है, अब तुम सब कुछ इग्नोर करके बस सेक्स का मजा लो।
मैंने उसकी बात मान ली, और उसको वापस किस्स करने लगी। वो किस्स करते हुए मेरी जांघें सहलाने लगा, और मेरे चूचे दबाने लगा। मेरे पूरे जिस्म पर वो हाथ फेर रहा था, जिससे मैं और उत्तेजित हो रही था। फिर मेरे होंठ छोड़ कर वो मेरी गर्दन चूमने लगा। मैंने उसके दोस्त की तरफ देखा, तो वो दूसरी तरफ मुंह करके किताब लेके बैठा था। मुझे लगा कोई चूतिया होगा जो चुदाई देखना छोड़ कर किताब पढ़ रहा था।
धीरे-धीरे उस्मान ने मुझे पूरा नंगा कर दिया, और खुद भी नंगा हो गया। उसका लंड 7 इंच का था। फिर वो मेरे ऊपर लेट गया, और मेरे चूचे चूसने लगा। उसका लंड मेरी चूत से टकरा कर उसमें खलबली पैदा कर रहा था। फिर वो नीचे गया, और मेरी चूत चाटने लगा। मुझे स्वर्ग का मजा मिल रहा था। उसने चूत की फांके खोल कर जीभ अन्दर डाल कर चूत को चूसा। इससे मैं एक बार निकल भी गई।
फिर वो दोबारा मेरे ऊपर आया, और लंड चूत पर सेट करके धक्का मारा। मुझे दर्द हुआ, और आधा लंड चूत में घुस गया। चूत कुंवारी और टाइट थी, तो उसका लंड भी दर्द होने लगा। लेकिन वो रुका नहीं, और जोर लगा कर पूरा लंड पेल दिया चूत में। दर्द तो था, लेकिन चूत की प्यास इतनी थी कि इसमें भी मजा आ रहा था।
उसने मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर में मेरा दर्द बिल्कुल गायब हो गया और मजा आना शुरू हो गया। इतना मजा तो मैंने सोचा भी नहीं था कि आता होगा। कुछ देर इसी पोजिशन में हमारी चुदाई चलती रही। फिर उसने लंड निकाला जिस पर मेरी चूत का पानी और खून देखो चमक रहे थे। उसके बाद वो बिस्तर पर लेट गया, और मुझे ऊपर आने को कहा। मैं उसके ऊपर गई, और लंड चूत में लेके चूत चुदवाने लगी। इस सब के दौरान मेरी नज़र उसके दोस्त पर एक बार भी नहीं गई।
कुछ देर मैं उसके लंड पर ऊपर-नीचे हुई। फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और हम किस्स करने लगे। तभी मुझे अपनी गांड पर दो हाथ महसूस हुए। उस्मान के हाथ मेरे चेहरे पर थे, तो मैंने जल्दी से पीछे देखा। पीछे उस्मान का दोस्त नंगा खड़ा था, और मेरी गांड दबा रहा था। तभी मैंने उस्मान की तरफ देखा, तो वो बोला-
उस्मान: बेबी यकीन मानो इससे तुम्हें बहुत मजा आएगा।
मदहोश तो मैं पहले से थी, तो उसकी मजे वाली बात मैंने मान ली। फिर उसका दोस्त मेरी गांड के छेद को चाटने लगा। चूत में उस्मान का लंड, और गांड के छेद पर उसके दोस्त की जीभ मुझे बहुत मजा दे रहे थे। कुछ देर बाद उसके दोस्त ने अपने लंड पर थूका, और मेरी गांड के छेद पर सेट किया। वासना की आग में मैंने उसको एक बार भी नहीं रोका।
फिर जैसे ही उसने धक्का मारा, मेरी तो जान निकल गई। मेरी चीख उस्मान ने अपने होंठों से दबा दी, और उसका दोस्त धक्के पे धक्का मारता गया। मेरी दर्द से जान निकल रही थी। लेकिन उस्मान ने मेरी एक भी चीख निकालने नहीं दी।
जब लंड पूरा अंदर चला गया, तो दोनों रुक गए। अब मेरे दोनों छेदों में दो लंड पूरे-पूरे घुसे हुए थे। कुछ देर बाद जब दर्द कम हुआ, तो दोनों ने मुझे पेलना शुरू किया। मुझे अब एक अलग ही लेवल का मजा आ रहा था। पीछे से उसका दोस्त पीठ चूम रहा था, गांड दबा रहा था, और गांड चोद रहा था। सामने से उस्मान चूचे चूस रहा था, होंठ चूस रहा था, और चूत बजा रहा था। हमारी सैंडविच पोजिशन थी।
20 मिनट बाद दोनों लौंडे मेरी चूत और गांड में ही झड़ गए। मैं भी झड़ चुकी थी, और मुझे चरमसुख की प्राप्ति हो चुकी थी। उस दिन के बाद मैं कितनी बार और किस-किस से चुदी हूं, मुझे खुद याद नहीं।
मेरी थ्रीसम चुदाई कहानी पर अपनी फीडबैक [email protected] पर दीजिए।