रिसोर्ट में मिली रेखा आंटी के साथ ग्रुप सेक्स-1

हेलो, मेरा नाम प्राश है। किसी हॉट भाभी या आंटी को वासना की नज़र से देखा है? अगर हां, तो आप भी मेरे ही केटेगरी ही लोग हो। ये कहानी बहुत हॉट कहानी है। ध्यान से पढ़ियेगा आपको मज़ा आएगा। मेरी कहानी पसंद आई तो फीडबैक ज़रूर देना। ईमेल: [email protected]

मेरे बारे में बता देता हूं। मेरा नाम प्राश है (बदला हुआ नाम है)। मेरा रंग गोरा‌ है। मैं 25 साल का हूं और रोज़ जिम जाता हूं। मेरी हाइट 6 फीट है और मेरा लंड 7 इंच का है।

मैं एक बार छुट्टी मिलने पर मेरे चाचा के यहां औरंगाबाद गया (औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर हो गया है)। मैं अक्सर वहां जाता रहता हूं। वहां मैं माल्स में अक्सर शॉपिंग करता हूं। मैंने वहां की एक दुकान से मोबाइल ख़रीदा और मुझे उस पर एक कंपनी के रिसॉर्ट में 10 दिन फ्री रहने मिलने वाला थे। ज़्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह मुझे पसंद नहीं है, तो मैंने गोवा और महाराष्ट्र के बॉर्डर वाला बीच रिसोर्ट चुन लिया। मैंने वहां के फोटो गूगल पे देखें। काफ़ी सुंदर जगह थी वो, तो मैंने जाने की पूरी तैयारी कर ली।

अगले हफ़्ते मैं वहां गया। देखा वो रिसोर्ट सुंदर लग रहा था। वहां कमरे से बीच व्यू दिखता था। वहां 25-30 कमरे थे। 3 मंजिल वाली बिल्डिंग थी। मैं थोड़ा सा थका हुआ था, तो जाते ही कमरे में सो गया। वैसे उनका कमरा काफ़ी शानदार था, और वो काफ़ी अमीरों वाला भी लग रहा था, एक-दम पॉश। AC, टीवी, डबल बेड वगैरह‌ सब था। मैं 2-3 घंटे सोया। तब तक शाम हो चुकी थी, तो मैं खाने के लिए नीचे रेस्टोरेंट में गया। वहां खाने का ऑर्डर दिया और वहां राह देखने लगा।

मैंने देखा रेस्टोरेंट में 2-3 टेबल पे लोग थे। 1 टेबल पे एक शादी-शुदा कपल बैठा था। उनकी साइड में एक और कपल बैठा था, और उनके थोड़ा पीछे एक फ़ैमिली आयी थी। 5-6 लोग थे, एक आदमी, उसका भाई, उन दोनों की बीवियां, और उसकी मां और बाप।

मुझे लगा यहां सिर्फ़ कपल आये होंगे, तो बड़ी फ़ैमिली को देख के थोड़ा चौक गया। मैं फ़ैमिली की तरफ़ देखने लगा, क्यूंकी उनमें से एक औरत काफ़ी हॉट लग रही थी। शायद वो उस फ़ैमिली की बड़ी वाली बहू थी (ये याद रखना कहानी में आगे ज़िक्र आएगा)।

मैं उसकी तरफ़ देखने लगा। उसने मुझे देखा, लेकिन अपनी नज़र हटा ली। मेरा खाना आया तो मैं खाना खाने लगा। वैसे मुझे यहां काफ़ी अकेला महसूस हो रहा था। मैंने खाना ख़त्म किया और इधर-उधर घूमने लगा।

वहां अछा ख़ासा स्विमिंग पूल था, बार था, लोग बोन फायर भी कर रहे थे, आस-पास समुंदर था। मैं आधा घंटा इधर-उधर घूमा, और फिर बार में आ गया। मुझे कुछ पीना था। मैं अंदर गया तो देखा अंदर काफ़ी लोग थे। वहां एक बड़ी हॉट सी औरत (आंटी) बैठी हुई थी अकेली। मैं अपना ड्रिंक लेके उनके बाजू में जाके बैठा और ड्रिंक पीने लगा।

वो क़रीब 40-45 साल की थी। गोरी थी, काला ड्रेस पहना हुआ था, और कमाल का फिगर था। थोड़ी मोटी सी थी (38-34-42)। उनकी गांड बहुत बड़ी और खूबसूरत थी। मैंने बात करने की शुरुआत की। हमारा आपस में परिचय हुआ। इधर-उधर की बातें हुई। फिर मैंने उनके लिए ड्रिंक मंगवायी और अब खुल के बात करने लगा।

रेखा आंटी: तो तुम यहां अकेले क्यों आए?किसी को साथ लेके आते गर्लफ्रेंड वगैरह।

मैं: नहीं आंटी, मैं अभी सिंगल हूं।

रेखा आंटी: तुम हैंडसम हो, तुम्हारी गर्लफ़्रेंड क्यों नहीं है?

मैं: कोई आप जैसी मिली ही नहीं (मैं आंटी से फ़्लर्ट करने लगा)।

रेखा आंटी‌(मुस्कुराते हुए): तुम भी ना!

उतने में पीछे से एक अंकल आये और आंटी के साथ बात करने लगे। मुझे पता चला कि आंटी अपने पति के साथ आयी थी 5 दिन के लिये। मैं थोड़ा मायूस हो गया। अंकल के साथ मैंने थोड़ी बात की और फिर वो जाने लगे।

रेखा आंटी: यही हो अब 10 दिन, तो कल मिलते हैं।

वो अपनी गांड हिलाते-हिलाते जाने लगी। मैं उनकी हिलती हुई गांड को ही देख रहा था, कि उन्होंने पलट के देखा, और मुस्कुराते जाने लगी। अब मैं बस उनकी बड़ी सी हॉट सेक्सी गांड के बारे में सोचने लगा। वहां एक ड्रिंक पी मैंने और रूम में आके टीवी देख के सो गया।

अगले दिन मैंने ऊपर ही ब्रेकफास्ट किया और आस-पास घूमने निकला। आस-पास समुंदर के अलावा कुछ ख़ास नहीं था।

थोड़ा घूमा और वापस आ गया। स्विमिंग पूल की तरफ़ आया तो देखा बहुत सारे लोग थे। लेकिन ख़ास कर कल रात देखा था वो रेखा आंटी वहां पे थी। तो मैं फटाफट कपड़े बदल कर स्विमिंग करने उतरा। आंटी की तरफ़ देख के मुस्कुराया तो वो भी मुस्कुरायी

आंटी क्या ग़ज़ब लग रही थी उस स्विमिंग कॉस्ट्यूम में। पूरी भीगी हुई थी, और कपड़े बदन पे चिपके हुए थे। किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाए उन्हें देख के। मेरा लंड एक-दम खड़ा हो गया और वो उनको दिखे ना इसलिए मैं पानी में कूद गया। मैं आंटी के पास आया।

मैं: हेलो आंटी, आप बहुत अच्छी लग रही है।

रेखा आंटी (मुस्कुरा के): थैंक यू।

अंकल आंटी के लिए जूस लेके आये। अब स्विमिंग पूल में, मैं और आंटी थे एक-दूसरे की बग़ल में। अंकल ऊपर से ही बाते करने लगे (उनको स्विमिंग नहीं आती थी)। फिर कुछ देर हमारी इधर-उधर की बातें चली।

अब आंटी एक-दम बग़ल में थी तो आंटी के बड़े चूचे देख के मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरा खड़ा लंड पानी में आंटी की गांड से टकराने लगा, तो मैं थोड़ा बग़ल में जाने लगा।

रेखा आंटी: अरे प्राश, कहा जा रहे हो? रुको थोड़ा।

अब मुझे रुकना पड़ा। मेरा लंड आंटी की गांड पे लगने लगा, और आंटी की गांड मेरे लंड को पानी में रगड़ने लगी।

मैं (मैं हिचकिचाता हुआ बोला): हां आंटी, बोलिये ना?

रेखा आंटी: अकेले तुम बोर हो रहे होंगे ना? तो दोपहर में हमारे कमरे में आओ ना, हम मूवी देखते है साथ में।

मैं: हां आंटी, लेकिन आपको तकलीफ़ होगी ना।

अंकल: अरे नहीं बेटा, ऐसी कोई बात नहीं है, तुम आओ।

इतना कहने के बाद आंटी पूल से निकली और अंकल के साथ चली गई।

उनका कमरा दूसरे फ़्लोर पे था, तो मैं दोपहर में वहां गया। वहां हमने आधे घंटे तक बाते की। फिर हम मूवी देखने लगे। मूवी ख़त्म हो गई, शाम हो गयी, और अंकल सो रहे थे।

मैं: आंटी अंकल तो सो रहे है, चलिए ना हम नीचे चलते हैं।

रेखा आंटी: ये भी ना, यह आके ही इनको बस सोना ही है। चलो।

फिर मैं और आंटी नीचे आ गये रेस्टोरेंट में। हमने ऑर्डर दिया और बाते करने लगे। थोड़ी देर बाद खाना आया और हम खाने के बाद वही रिसोर्ट के बाहर सैर पे निकले। आंटी अपना फ़ोन लाना भूल गई थी। हम बाते करते-करते चलने लगे।

रेखा आंटी: सच कहूं तो तुमसे बात करके मुझे अछा लगा। तुम्हारी कंपनी में मज़ा आया।

मैं (हंसते हुए): नहीं आंटी, आपके साथ घूम के मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने बहुत दिनों से इतनी ख़ूबसूरत औरत से बात नहीं की थी।

(अब मैं आंटी से फ़्लर्टिंग करने लगा)

रेखा आंटी: क्या मैं सच में तुम्हें खूबसूरत लगती हूं? तुम्हारे अंकल तो मुझपे ध्यान ही नहीं देते।

मैं: अरे आंटी, सच में मैंने आज तक आपसे खूबसूरत (मन में सेक्सी माल) औरत कभी नहीं देखी। अंकल काफ़ी लकी है कि आप उनको मिली।

रेखा आंटी: अच्छा बाबा मान लिया। चलो अब हम काफ़ी दूर आ गए है।

थोड़ा अंधेरा हो गया था, इसलिए अब आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया। मेरा हाथ उनके चूचों को टच हो रहा था, मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, और मेरा लंड खड़ा हो गया‌। आंटी ने वो देख लिया लेकिन फिर भी मेरा हाथ नहीं छोड़ा। हम रात को रास्ते से आराम-आराम से रिसोर्ट तक पहुँचे। रिसोर्ट के बाहर मैंने आंटी से पूछा-

मैं: क्या अंकल जी आपका ख़याल नहीं रखते?

आंटी ने कुछ कहा नहीं बस उदास चेहरा किया‌। फिर मैंने आंटी के कंधों पर दोनों हाथ रखे और कहा “आंटी मैं हूं ना”, और आंटी को किस करने लगा। पहले आंटी थोड़ी सी हिचकिचायी, लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।

अगला भाग पढ़े:- रिसोर्ट में मिली रेखा आंटी के साथ ग्रुप सेक्स-2