मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-22

पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-21

सपना: जो हालत तेरी है वही हालत मेरी हुई थी जब मैंने इसे पहली बार देखा था। मेरी मां जिसे तुमने चोद लिया है इस घर में काम करती थी। एक दिन मां ने अपनी जगह मुझे काम करने भेजा। उस समय तक मैं कुंवारी थी, किसी लंड को ठीक से देखा भी नहीं था। तुम्हारी इस माल पर नज़र पड़ते ही मालूम नहीं मुझे क्या हुआ। दूसरे रूम में दोनों भाई बहन पढ़ाई कर रहे थे, और मैंने अपने से 20-22 साल बड़ी औरत को नंगा कर दिया और पहले ही मौक़े में मैंने इसकी बूर को एक घंटा से ज़्यादा देर तक चूसा और चाटा।

सपना: जब मैं ठंडी हुई तो कपड़े पहन कर काम करने लगी। ये कुतिया किसी से कुछ बोले बिना घर के बाहर चली गई। क़रीब एक घंटा के बाद मेरी मां को साथ लेकर आई। जानते हो मेरी मां ने क्या कहा?

सपना जो कह रही थी उस पर मुझे विश्वास करना मुश्किल था। फिर भी मैंने पूछा कि उसकी मां ने क्या कहा।

सपना: मेरी मां ने कहा कि अब से मेरा उन सबसे कोई रिश्ता नहीं है। मुझे हर हमेशा संपा के साथ ही रहना है।

संपा: और अमित, उस बात को सात साल हो गये। हम दोनों साथ हैं। उसी रात मैंने सपना को तुम्हारे सर से चुदवाया और सपना की कुंवारी चूत का मज़ा लेकर मेरा घरवाला भी सपना का दीवाना हो गया। उस रात से ही हम तीनों साथ ही रात गुज़ारते है। इतना ही नहीं पिछले एक साल से मेरी बेटी रूपा भी हमारे साथ लेस्बियन मस्ती लेती है। मित्रा हम तीनों की बूर चूसता है। हम तीनों उसका लंड चूसते हैं। तेरा सर तो अपनी बेटी की बूर में लंड पेलना चाहता है लेकिन रूपा बोलती है कि अपने बाप से कभी नहीं चुदवायेगी। अगली बार जब आयेगी तब तुम्हें उससे मिलवा दूंगी। कितना चोदोगे यार !

सपना: रानी, ये घोड़ा 35 मिनट से चोद रहा है।

संपा: कॉलेज में एक बूढ़ा प्रोफ़ेसर था, जो 15-20 मिनट चोदता था। और अब 20-22 साल बाद तुम इतनी देर से पेल रहे हो। सपना ने ग़लत नहीं कहा है, उस प्रोफ़ेसर के बाद कोई भी मेरी बूर में 10 मिनट भी नहीं टीक पाता है। लेकिन तुमने कमाल कर दिया। मैं थक गई अब सपना को चोदो।

लेकिन मैं इतनी जल्दी इस मस्तानी माल को नहीं छोड़ने वाला था।

मैं: संपा रानी, दुनिया की सबसे मस्त बूर में लंड पहली बार घुसा है। अब जब तक ये प्यारी बूर मेरे लंड का सारा रस नहीं चूस लेगी लंड बाहर नहीं निकलेगा।

संपा ने ज़ोर से कमर उचकायी। मैंने और ज़ोरदार धक्का मारा।

संपा: कौन कुतिया तुम्हारे लंड को बूर से बाहर निकालना चाहेगी। अपनी नई माल को गोली मारो, हम दोनों रंडियों को ही रात भर चोदो।

बोलते हुए संपा ने अपनी दोनों मस्त हथिनी जैसी जांघों से मुझे टाईटली बांधा और मुझे अपनी बाहों में कस कर समेटा। उसकी पकड़ इतनी टाईट थी कि मैं धक्का नहीं मार पाया। संपा ही अपनी चूत्तड़ों को उछालती रही और 5-6 मिनट के बाद मैं झड़ने लगा। मैंने भी उसे अपनी बाहों में लेकर बेतहाशा चूमने लगा। थोड़ी देर बाद हम दोनों का जोश ठंडा हो गया।

संपा: मैं चाहती तो तुम्हें पहले ही ठंडा कर देती, लेकिन मुझे तुम और मेरी बूर को तुम्हारे लंड का धक्का और लंड दोनों बहुत पसंद आ गये हों, इसलिए इतनी देर तक चुदवाया। मैं अपने सभी मर्द को थोड़ा मौक़ा देती हूं। अगर उसकी चुदाई बढ़िया लगी तभी उसे आगे चोदने देती हूं। फिर भी एक प्रोफ़ेसर के अलावा तुम ही दूसरे मर्द हो जिसने 15 मिनट से ज़्यादा चोदा। बहुत मज़ा आया यार। अब मेरी राजा (सपना) को चोदो।

लेकिन मेरा जी चाह रहा था कि लंड को संपा के बूर में ही घुसाये रहूं।

मैं: संपा रानी, पकड़ थोड़ी ढीली कर ना, जी नहीं भरा, थोड़ी देर और चोदने दे। सपना की कुतिया, तू सच में सबसे बढ़िया माल है।

संपा: तो अमित, मैं ही अब कहां तुम्हें छोड़ने वाली हूं। तैयार रह, तेरे मित्रा सर ख़ुद तुझे कहेंगे कि सिर्फ़ मुझे और सपना को ही नहीं, उसकी बेटी, हमारी बेटी रूपा को भी चोदो। मैं 2 बार झड़ गई, और चुदवाती लेकिन देख इस हरामजादी की चूत कितने आंसू बहा रही है।

मैंने भी सपना की ओर देखा और सही में उसकी बूर से टप टप कर रस टपक रहा था। सपना बग़ल में लेट गई। लेकिन मैं कुछ और मस्ती चाहता था।

मैं: ऐसे नहीं सपना, तू अपनी रानी की बूर को चूस, मेरा लंड तेरी चूत का रस पियेगा लेकिन पहले लंड को तैयार तो कर।

संपा की बूर से लंड निकाल कर मैं सपना के चेहरे के पास हिलाने लगा।

सपना: तू चाहता है कि संपा की बूर से निकले इस लंड को मैं चूसूं, चाटूं, तो अमित जी सुन लो, हम तीनों, मैं, संपा और तुम्हारे सर एक-दूसरे का पेशाब पीते है। रानी के बूर के अंदर का माल है इसके उपर, मेरे लिए तो अमृत है। मुझे चूसने दे।

मैं देखता रहा और बिना लंड को किसी कपड़े से साफ़ किए हुए ही सपना ने हर तरफ़ से लंड को चाट कर साफ़ किया, और उसके बाद ख़ूब चुभला-चुभला कर चूसने लगी। ज़्यादा समय नहीं लगा। लंड फिर पहले जैसा टाईट हो गया। मुझे दुबारा बोलना नहीं पड़ा। मैं समझ गया कि 24 साल की लड़की को 42 साल की औरत की बूर और जवानी इतनी पसंद थी कि वो घर बार छोड़ कर संपा के साथ रहती थी। संपा के पति के साथ रहती थी, और संपा के साथ-साथ उसकी 19-20 साल की बेटी की जवानी का भी मज़ा लेती थी।

सपना ने संपा के जांघों के बीच पोज़ीशन बनाया। दोनों चूचियों को दबाते हुए बूर को चूसने-चाटने लगी। मैंने थोड़ी देर दोनों की लेस्बियन मस्ती देखी। उसके बाद मैंने सपना को चोदना शुरू किया। मैंने कहा नहीं लेकिन संपा को चोदने के बाद मुझे 24 साल की जवान सपना को चोदने में मज़ा नहीं आया। लेकिन लड़की जवान थी। बूर के अंदर बहुत गर्मी थी, तो बूर बहुत रसीली भी थी। मुझे कोई ख़ास मज़ा नहीं आ रहा था, लेकिन लंड को सपना का बूर बहुत पसंद आ गया था।

संपा: साली, तू मेरी सबसे बड़ी सौतन है। मेरे घरवाले को अपना बना ही लिया है, अमित को भी बूर से बाहर निकलने नहीं दे रही हो। मेरी बूर के अंदर अमित आधा ही घंटा रहा और तेरी बूर आंसू बहाने लगी और ख़ुद सवा घंटे से खा रही है।

सपना: जलो मत दीदी, पहली बार ही चुदाई का असल मज़ा मिल रहा है। वे सारे मादरचोद 10-15 हज़ार देते हैं,‌लेकिन किसी ने ऐसा मज़ा नहीं दिया। तुमने अपने घरवाला को भी मौगा बना दिया है। पहले तो ठीक-ठीक चोद लेता था, लेकिन जब से उसने अपनी बेटी रूपा का बूर चाटना शुरू किया है, साले के लंड में कोई दम ही नहीं रह गया है। अपनी बेटी की बूर में जब अमित के लंड को अंदर-बाहर होते देखेगा, तब साले को ख़ुशी मिलेगी।

मैं चाहता था कि सपना को जल्दी ठंडा कर संपा को एक बार और चोदूं, लेकिन ना तो सपना ही ठंडी हो रही थी, और ना मैं ही झड़ रहा था। मुझे लगा कि बाप के सामने बेटी को चुदवाने की बात सुन कर संपा नाराज़ होगी।

संपा: राजा, मैंने बेटीचोद को बेटी की चूत का स्वाद इसलिए दिलवाया कि हरामी का लंड शर्म से खड़ा ही ना हो। मैं भी चाहती हूं कि वो इतना मौगा हो जाये कि ख़ुद ही हमारे लिए, अपनी बेटी के लिए कस्टोमर ढूंढ कर लाए। अमित, अपने सर के सामने उनकी बेटी को चोदोगे?

संपा की इस बात ने मुझे इतना एक्साइट कर दिया कि मैं बहुत तेज़ी से लंड को बूर के अंदर-बाहर करने लगा। फिर कुछ देर बात झड़ने भी लगा।

सपना: बाप रे जान बची। अमित, किस जन्म की दुश्मनी निकाल रहे थे। इतनी बेदर्दी से कोई चोदता है क्या? सच अमित, झूठ नहीं कहती। पिछले सात साल में 5 लंड हम दोनों की बूर में घुसे है। संपा का नहीं मालूम लेकिन इस से पहले मुझे चुदाई में कभी कोई मज़ा नहीं आया था। अमित तुमने मेरा दिल जीत लिया। असल मर्द हो।

संपा: अमित, तुम्हें अजीब लगेगा। शहर में हम दोनों के 5 ही ग्राहक हैं जो पिछले सात साल से हमें चोद रहे हैं। हर महीने हम 2 बार ही होटल जाते हैं और बारी-बारी से सभी 5 ग्राहक से चुदवा कर आते हैं। हम 2 चुदासी औरतें और एक साधारण आदमी। हम दोनों मिल कर 25 हज़ार लेते हैं। यानी हर महीने हम ढाई लाख कमाते है। तुम्हारे सर को मालूम है कि हम धंधा करते हैं।

दोनों की बातें सुन कर मैं सकते में आ गया था। अपने को कंपोज़ करने में कुछ समय लगा। उसके बाद में बूर को सहलाते हुए दोनों की चूचियों को बारी-बारी से 5-7 मिनट चूसा। मैं कपड़े पहनने लगा।

मैं: संपा, तुम आदमियों से चुदवाओ या घोड़ों से, तुम मेरे लिए हर हमेशा के लिए सबसे बढ़िया माल रहोगी। कल मेरी मां आ रही है। कितने दिन रहेगी मालूम नहीं। लेकिन मां के जाने के बाद हर दिन तुम्हें चोदू्ंगा। तुम सोच नहीं सकती कि तुमने मुझे कितना खुश किया है। जैसे संगीता ने मुझसे चुदवाने के लिए अपने बाप हेडमास्टर से परमिशन ले लिया है, तुम भी मित्रा सर से परमिशन ले लो कि मैं जब चाहूं तुम्हारे घर आकर तुम्हें प्यार करूं, तुम्हें चोदूं अगर तुम्हारी बेटी रूपा को भी मेरा लंड पसंद आ गया तो उसे भी चोदूंगा।

वे दोनों चुप बैठी रही। मैंने दोनों को बारी बारी से चूमा और रूम के बाहर निकला। पीछे से मेरे कानों में आवाज़ आई,

“सुबह 6 बजे मेरी बूर में तेरा लंड चाहिए।” यह संपा की आवाज़ थी। दो नई माल को चोद कर मैं बहुत खुश था।

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