मुकुल कुलश्रेष्ठ – हंसमुख रंगीला साहिल – भाग 2

गुंजन की गांड का छेद देखा तो क्या बताऊं आपको मैडम गुलाबी रंग का छोटा सा छेद ऐसा लग रहा था जैसे किसी औरत के माथे पर गुलाबी रंग की छोटी सी बिंदी लगी हो

मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 14 – रविवार की आखरी रात

मैंने रितु की टांगें थोड़ी और ऊपर की और चूतड़ खोल दिए। गांड का छेद मेरे सामने था। मैंने छेद पर जैसे ही जुबान फेरी रितु के मुंह से सिसकारी निकली “आअह”

मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 5 – तीसरा दिन, बुधवार की रात

मैंने लंड थोड़ा अंदर की तरफ दबाया। उन्नीस – बीस साल की रितु चुदी हुई तो थी – चूत की सील फट चुकी थी, मगर फुद्दी अभी टाइट ही थी।

मैं और मेरी चंदा दी – परिणाम

ये कहानी मेरी बड़ी बहिन की है जिसमे आप पढ़ेंगे की कैसे मैंने मेरी दीदी की कमसिन चूत के मजे ले ले के उन्हें खूब चोदा।