दादी माँ की मनोहर कहानियां-2
मैं गांव दादी के घर गया था। पढ़िए कैसे वहां मेरी दादी ने मुझे अपनी चूत का मजा दिया, और फिर शुरू हो गया चुदाई का कभी न खत्म होने वाला सिलसिला।
Real XXX desi kahani
मैं गांव दादी के घर गया था। पढ़िए कैसे वहां मेरी दादी ने मुझे अपनी चूत का मजा दिया, और फिर शुरू हो गया चुदाई का कभी न खत्म होने वाला सिलसिला।
मेरी भाभी संधू से चुद रही थी। पढ़िए कैसे उनकी आवाजें सुन कर शीला और नैंसी भी गरम हो गई, और फिर उन दोनों ने फिरसे मुझसे अपनी चुदाई करवाई।
मेरी और नैंसी की, और संधू और शीला की चुदाई खत्म हो चुकी थी। पढ़िए कैसे फिर ज्योति अचानक से वहां आई, और संधू से चुदने लगी, जिससे हम गरम हो गए।
ज्योति और शीला दोनों अपनी गांड में लंड ले चुकी थी। पढ़िए उनको गांड चुदवा कर कैसा लगा, और कैसे फिर हमने संधू के घर जाके चुदाई का प्लान बनाया।
चित्रा और मैं अच्छे से एक दूसरे की चूत और लंड का मजा ले रहे थे। पढ़िए कैसे हमारी पड़ोसन ने हमें खाने पर बुलाया, और हमने नई खुराफात सोची।
Iss kahani me padhiye chudai ke doran ki hui kuch naughty baate aur Rahul ke sath kaise maine bharpur maze liye chudai ke.
वैसे आजकल लड़कियां ना भी चुदें तो भी चूत में उंगली तो करती ही हैं। अब ऐसे में चूत की सील कहां बचेगी। लड़की ना भी चुदी हो तो भी सील खत्म हो जाती है।
काजल तौलिये से अपने हाथ साफ़ किये और मेरे लंड पर लगे पानी को भी साफ़ किया और मेरी और देख कर बोली, “इतनी जल्दी कैसे निकल गया वरुण?
लड़की की सही चुदाई की उम्र ही बीस और पचीस के बीच की होती है जब चूत अंदर से भी टाइट होती है। लंड जब अंदर जाता है तो चूट की साइडों से रगड़ खाता जाता है।
जेठानी देवरानी की चूतें अभी गरम होना शुरू होती थीं की भाइयों लंड पानी छोड़ कर ठंडे हो जाते थे, औरतें उंगली से ही काम चलIने की कोशिश करती थीं।